Wednesday, December 23, 2009

उनकी यादों के साए... - Me at best for BESTEST :)!

आपकी यादों के साए इतने गहरे हो गए,
लगता है अपनी साँसों पर भी इनके पहरे हो गए,
देखता हूँ जिधर भी... सब एक चहरे हो गए,

बादलों की बात क्या चाँद की बिसात क्या,
आपके होने से दिन में भी अँधेरे हो गए,
आपकी यादों के साए इतने गहरे हो गए,

अब तो ऐसा है असर जागतें हैं रात भर,
जैसे अपनी रातों में अब सवेरे हो गए...
आपकी यादों के साए इतने गहरे हो गए,

आपके सिवा कोई अब बात सूझती नहीं,
आपके सिवा कोई आवाज गूंजती नहीं...
कहते हैं अब सभी कि हम तो बहरे हो गए.....
आपकी यादों के साए इतने गहरे हो गए,

आपही का है असर कि चैन है एक पहर,
इतनी है उथल पुथल ... कि जैसे सागर कि लहरें हो गए
आपकी यादों के साए इतने गहरे हो गए,

आपका जवाब क्या, इन आखों का इलाज़ क्या,
अब तो घड़ी घड़ी इनके भी बादल घनेरे हो गए.... :)!
आपकी यादों के साए इतने गहरे हो गए,

दोष आपका नहीं, हमें खुद का होश है नहीं,
पूछते हैं खुद का नाम... पागल - सिर-फिरे हो गए,
आपकी यादों के साए इतने गहरे हो गए,

थोड़ा लम्बा था सफ़र सुनसान थी डगर,
मगर ये साए आपके साथी हमारे हो गए...
आप प्यारे हैं हमें तभी आपके एहसास ये,
जीने
के सहारे हो गए...
आपकी यादों के साए इतने गहरे हो गाए,

याद आती है मगर आके जाती नहीं,
आपके सिवा कोई बात भाती नहीं,
कलम रुकता नहीं हाँथ थकता नहीं...
लगता है हमें की हम भी अब कवी ठहरे हो गाए....
आपकी यादों के साए इतने गहरे हो गए,

हम तो आपमें ही हैं छुपे, ना मानो तो नाम देख लो :)!
इतना पढकर आपको लगता है क्या...
कि हम भी मझनुं के चेले हो गाए... :)!

पर हम भी क्या करें की
आपकी यादों के साए इतने गहरे हो गए,
अब इससे ज्यादा क्या कहें ... खुद ही समझ लो ...
कविता हम रात के अँधेरे में ही लिख गए... :)!

अब समझे की आपकी यादों के साए कितने गहरे हो गाए... बोले तो बहुत गहरे :)!

For my BEST HALF Priyanka... :)!

2 comments:

  1. hmm... good one... keep writing like this :)!
    jug jug jiyo...!!

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  2. Dada, wah kya baat hai,

    kya gehrai hai shabdo mein, ki ab to hum aapki shayri ke deewane ho gaye.
    Likhna kya shuru kiya aapne, ki ab hamari dosti ke saaye aur gehre ho gaye.

    Bahut pyaar se likha hai aapne apne pyaar ke liye.

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